सभी चिकित्सकों को डाॅक्टर्स डे की शुभकामनाएं चिकित्सक के लिये यह कितने गौरव की बात है कि समाज उनके सम्मान में पूरा एक दिवस मनाता है। जीवन की बागडोर तो ईश्वर के पास ही होती है पर उस बागडोर को सम्हालने के कारण समाज डाॅक्टर्स को दूसरा भगवान मानता है।
वास्तव में रोगों की शान्ति के 4 चरण होते हंै जिसे आयुर्वेद में चतुष्पाद कहा जाता है। पाद अर्थात चरण जिनके सहारे खड़ा रहा जा सकता है। इनमें से एक के भी अभाव में पंगुता आ जायेगी।
ये चार चरण हैं -
1. चिकित्सक Physician
2. द्रव्य औषध Medicine
3. परिचारक Nursing staff
4. रोगी Patient
अच्छी गुणवत्ता युक्त औषधी, कुशल सेवाभावी परिचारक, निर्देशपालन करने वाले रोगी तथा सैद्धान्तिक व प्रायोगिक ज्ञानयुक्त कुशल चिकित्सक मिलकर ही रोगी की सफल चिकित्सा कर के रोग मुक्त कर सकते हैं। एैसी सफल चिकित्सा करने वाले चिकित्सक को अपने गौरव के तथा सम्मान के क्षणों में परिचारक-औषधी - रोगी को भी जरूर याद रखना चाहिए।
इन चार पादों के समन्वय संतुलन में चिकित्सा तो निश्चित ही सफल होगी जीवन मूल्यों की रक्षा भी होगी जिनकी आज सबसे ज्यादा जरूरत है।
डाॅ. मधुसूदन देशपाण्डे
ओजस आयुर्वेद भोपाल
वास्तव में रोगों की शान्ति के 4 चरण होते हंै जिसे आयुर्वेद में चतुष्पाद कहा जाता है। पाद अर्थात चरण जिनके सहारे खड़ा रहा जा सकता है। इनमें से एक के भी अभाव में पंगुता आ जायेगी।
ये चार चरण हैं -
1. चिकित्सक Physician
2. द्रव्य औषध Medicine
3. परिचारक Nursing staff
4. रोगी Patient
अच्छी गुणवत्ता युक्त औषधी, कुशल सेवाभावी परिचारक, निर्देशपालन करने वाले रोगी तथा सैद्धान्तिक व प्रायोगिक ज्ञानयुक्त कुशल चिकित्सक मिलकर ही रोगी की सफल चिकित्सा कर के रोग मुक्त कर सकते हैं। एैसी सफल चिकित्सा करने वाले चिकित्सक को अपने गौरव के तथा सम्मान के क्षणों में परिचारक-औषधी - रोगी को भी जरूर याद रखना चाहिए।
इन चार पादों के समन्वय संतुलन में चिकित्सा तो निश्चित ही सफल होगी जीवन मूल्यों की रक्षा भी होगी जिनकी आज सबसे ज्यादा जरूरत है।
Happy Doctors
Day
ओजस आयुर्वेद भोपाल
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